Kuch hawa
अल्फ़ाज़ों की कुछ मतलबी सी दुनिया हो चली है... ये कैसी हवा चली है जो दिल से धड़कन ले चली है... समझ न सका शायद ना कोई इस बयार को... हमसे हमको ही ये उड़ा ले चली है...
Kuch dil se ..Kuch dimaag se ...panno pe likhi..khayalon ka karawa...apni kalam se